वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का लंबी बीमारी के बाद कल देर शाम मंगलवार को मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। उत्तराखण्ड राज्य गठन की आवाज बुलंद कर लोगों में आंदोलन की अलख जगाने वाली वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का निधन हो गया । 84 वर्षीय बलूनी लंबें समय से अस्वस्थ चल रहीं थी। महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा की वरिष्ठ नेता रही बलूनी ने मंगलवार देर शाम देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली । उनका लंबे समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा था और इलाज चल रहा था। उनकी अंतिम यात्रा दून के डोभालवाला स्थित आवास से बुधवार को निकलेगी। उनके निधन पर राज्यपाल ले.जन. (रिटा.) गुरमीत सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त किया है।
उनके निधन पर राज्यपाल ले.जन. (रिटा.) गुरमीत सिंह ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए ट्वीट कर लिखा कि- वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं उत्तराखण्ड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला जी के निधन का दुःखद समाचार मिला है। राज्य निर्माण आंदोलन में उनके योगदान को चिरकाल तक याद रखा जायेगा। वाहेगुरू उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा कि- वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी जी के निधन का अत्यन्त दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे। साथ ही शोक संतप्त परिजनों को यह कष्ट सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य निर्माण एवं समाज सेवा के क्षेत्र में आपके द्वारा किया गया योगदान हम सभी के लिए अनुकरणीय है।
वहीं, राज्य आंदोलनकारियों में भी शोक की लहर है। मूलरूप से उत्तरकाशी के बड़कोट निवासी सुशीला अधिवक्ता भी थी। उन्होंने जनता दल और यूकेडी से राजनीति में कदम रखे थे।
सुशीला बलूनी के शव को डोभालवाला स्थित उनके आवास पर लाया गया। जहां से बुधवार को उनकी अंतिम यात्रा शहीद स्मारक तक निकाली जायेगी।
राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ने उनके निधन पर शोक जताते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया है। राज्य आंदोलनकारियों, राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों ने उन्हें सामाजिक व महिला हितों के लिए किसी भी मंच पर अपनी बात बेबाकी से रखने वाला साहसी, कर्मठ व उर्जावान नेत्री बताया।
उन्होंने पूर्व सीएम मेजर जनरल भुवन चन्द्र खंडूड़ी के सानिध्य में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। वह बीजेपी सरकार में उत्तराखण्ड आंदोलनकारी सम्मान परिषद की अध्यक्ष भी रही। वह पिछले ढाई दशक से भाजपा में थी। मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर 2 अक्तूबर 1994 में हुए जघन्य कांड के विरोध में आंदोलन संचालित करने वाली सुशीला बलूनी प्रमुख महिला नेत्री थी।