Thursday, September 19, 2024
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शिक्षा पद्धति होनी चाहिए विद्यार्थी केन्द्रित: राज्यपाल || राज्यपाल ने ली राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने राजभवन में समस्त राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धति विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए। विद्यार्थीयों का सर्वांगीण विकास एवं गुणवत्तापरक शिक्षा हमारा ध्येय होना चाहिए । विद्यार्थियों की क्षमता का विकास हो और उन्हें आधुनिक तकनीकों के उपयोग के लिए तैयार किया जाना चाहिए । शिक्षण व्यवस्था, विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और वित्तीय प्रबंधन सदैव विद्यार्थियों के हित में होने चाहिए ।

राज्यपाल ने आगे कहा कि विश्वविद्यालयों के पास वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं,  वे अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करें । विश्वविद्यालय स्वयं के वित्तीय संसाधनों के स्रोत विकसित करें और उनका बेहतर उपयोग करे ।  राज्यपाल ने कहा कि ई-ऑफिस, आर्टिफिशिलय इंटेलिजेंस, मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट्स जैसी आधुनिक तकनीकों के अधिकाधिक प्रयोग पर बल दिया जाए  ।

राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों में विश्वविद्यालय का विकास, कुलपति का दायित्व है ।  कुलपति अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का उपयोग विश्वविद्यालय की गुणवत्तापरक शिक्षा और संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग में करें । विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए नवाचार और विद्यार्थियों के हितों में कड़े निर्णय लेने में संकोच न करें । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की आंतरिक समस्याओं का समाधान कुलपति स्तर पर ही किया जाए । राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर आधारित वार्षिक कैलेंडर बनाये जाएं जिनके आधार पर उनकी मॉनिटरिंग की जा सके । उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने संबद्ध संस्थाओं के शैक्षणिक स्तर को और अधिक बेहतर बनाने के प्रयास करें ।

बैठक में सभी कुलपतियों द्वारा विश्वविद्यालयों के स्तर पर लंबित संबद्धता प्रकरणों की स्थिति, विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती, नवीन सत्रों की ऑनलाइन संबद्धता प्रारम्भ किए जाने, संबद्धता हेतु निरीक्षण समिति का गठन एवं निरीक्षण, शैक्षणिक स्तर को उच्च स्तर का बनाये जाने, विश्वविद्यालयों द्वारा स्वयं के संसाधनों से आय बढ़ाने एवं कार्यपरिषदों की बैठक की स्थिति सहित कई महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर बारी-बारी से राज्यपाल को जानकारी प्रदान की ।

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