Don’t Quit. एक बार की बात है एक आदमी रोज जब दफ्तर से वापस घर आता था तो घर के पास ही कुत्ते के प्यारे से कुछ पिल्ले रोज उसके पास आकर उसे घेर लेते थे क्योंकि वो रोज उन्हें बिस्कुट खिलाता था। ये सिलसिला कुछ दिनों से चल रहा था। जब भी वह आदमी घर आता पिल्ले उसे घर के गेट के पास घेर आकर घेर लेते और उसके पैर चूमने लगते। वो हर पिल्ले को करीब चार से पांच बिस्कुट खाने को देता था और पिल्ले खुशी-खुशी बिस्कुट खाकर खेलते कूदते हुए वापस चले जाते थे।
एक दिन उस आदमी को आफ़िस में देर तक रुकना पड़ा। जब वो दफ़्तर से वापस आया तो रात हो चुकी थी। लेकिन वो जैसे ही घर पहुँचा रोजाना की भांति पिल्लों ने उसे घेर लिया और उसके पैर चूमने लगे। घर के अंदर आने पर उसने देखा कि घर मे बिस्कुट खत्म हो गए है। रात भी काफी हो गई थी, इस वक़्त दुकान का खुला होना भी मुश्किल था। लेकिन सभी पिल्ले बिस्कुट का इंतज़ार कर रहे थे।
उसने सोचा कोई बात नही कल खिला दूंगा और ये सोचकर उसने घर का दरवाजा बंद कर लिया।
पिल्ले अभी भी बाहर उसका इंतजार कर रहे थे। ये देखकर उसका मन विचलित हो गया।
तभी उसे याद आया की घर मे मेहमान आये थे, जिनके लिए वो काजू बादाम वाले बिस्कुट लाया था।
उसने फटाफट डब्बा खोला तो देखा कि उसमें 4-5 बिस्कुट बाकी थे। उसके मन मे ख्याल आया कि इतने से बिस्कुट से इन पिल्लों का तो कुछ नही होगा, एक का भी पेट नही भरेगा। पर सोचा कि चलो जितने हैं उतने ही खिला देता हूं। कुछ न से कुछ तो है। आज कम खा लेंगे, परंतु चले तो जायेंगे।
उन बिस्कुट को लेकर जब वो बाहर आया तो देखा कि सारे पिल्ले जा चुके थे। सिर्फ एक पिल्ला उसके इंतज़ार में अभी भी इस विश्वास के साथ बैठा था कि कुछ तो जरूर मिलेगा। उसे बहुत आश्चर्य हुआ। उसने वो सारे बिस्किट उस एक पिल्ले के सामने डाल दिये।
वो पिल्ला बड़ी खुशी के साथ वो सब बिस्कुट खा गया और फिर खुशी-खुशी वहां से चला गया। भला वो पिल्ला खुश होता भी क्यों न? आज जो उसे मिला वो रोजाना के मिलने से कहीं बेहतर व उच्च श्रेणी का था। आज बिस्कुट काजू और क्रीम वाले थे।
बाद में उस आदमी ने सोचा कि हम मनुष्यों के साथ भी तो यही होता है। जब तक ईश्वर हमे देता रहता है, तब तक हम खुश रहते है उसकी भक्ति करते है उसके फल का इंतज़ार करते है। लेकिन भगवान को जरा सी देर हुई नही की हम ईश्वर पर और उसकी भक्ति पर संदेह करने लगते है। दूसरी तरफ जो उसपर विश्वास बनाये रखता है, उसे उसके विश्वास से ज्यादा मिलता है।
इसलिये अपने प्रभु पर विश्वास बनाये रखे। अपने विश्वास को किसी भी परिस्थिति में डिगने ना दे। अगर देर हो रही है इसका मतलब है कि प्रभु आपके लिए कुछ अच्छा करने में लगे हुए है।
सदैव स्मरण रहे कि विनर और लूजर के संघर्ष में ज्यादा फर्क नहीं होता। बस कुछ क्षणों का ही फर्क होता विजय और पराजय के निर्धारण में। लूजर कुछ क्षण पहले मैदान छोड़ देता है जबकि विनर कुछ अधिक क्षण तक मैदान में डटा रहता है।