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DEHRADUN: डीएम की सीधी कार्यवाही – 7 लाख की लगाई पैनल्टी। आगे ब्लैक लिस्ट की तैयारी

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जनमानस को समस्या नही, सुरक्षा देना है अभिप्रायः डीएम।

DEHRADUN: डीएम व नगर प्रशासक सविन बंसल ने 6 नवम्बर, बुधवार को खुद सेलाकुई स्थित शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट का मुआयना किया। उन्होंने शीशमबाड़ा प्लांट में 1 घंटा व्यतीत किया और स्थानीय लोगों का दर्द महसूस किया। दुर्गन्ध की मुख्य वज़ह प्लांट में रोजाना पूरा कूड़ा निस्तारित न होना और बचे हुए कूड़े का खुले  में होने से लगातार बदबू का उठना रहा। डीएम ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तथा निर्देशानुसार कार्य न होने पर कपंनी पर 7 लाख की  पैनल्टी लगाई। साथ ही एक महीने के अंदर कार्य प्रणाली में सुधार न होने की दशा में कपंनी को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी भी दे दी।

ज्ञात हो कि प्रशासन को लंबे समय से क्षेत्र में बदबू की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। दो वर्ष से कम्पनी को नगर निगम की ओर से नोटिस दिए जाने के बाद भी सुधार नही दिखने पर डीएम द्वारा अर्थदण्ड की कार्यवाही की  संस्तुति गई।

कार्यवाही के तहत शीशमबाड़ा प्लांट कूड़ा निस्तारण में लापरवाही पर नगर निगम कार्यालय में कम्पनी के अधिकारियों को तलब किया गया और शीशमबाड़ा प्लांट कूड़ा निस्तारण कार्यों के अद्यतन की स्थिति जानी। नाराजगी जाहिर करते हुए डीएम ने  मानकों के अनुरूप कार्य करने न करने पर भारी अर्थदण्ड की कार्यवाही की।इसके बाद जिलाधिकारी शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट पहुंचे। वहां उन्होंने एक घंटा व्यतीत कर कूडा निस्तारण की स्थिति देखी और  स्थानीय लोगों का दर्द महसूस किया।

डीएम ने कहा बहुत हुआ नोटिस का खेल। जिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए कम्पनी को मानकों के अनुरूप कार्य करने के दिशा-निर्देश जारी किए और कार्यो में लापरवाही पर कपंनी को कार्य प्रणाली में सुधार लाने के लिए एक महीने का समय दिया। डीएम ने कहा कि हमारा ध्येय जनमानस को समस्या नही, सुरक्षा देना है।

जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में सम्बन्धित कम्पनी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि मानकों के अनुरूप कार्य करें तथा स्थानीय लोगों की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए शीशमबाड़ा प्लांट से कूड़ा निस्तारण करें। उन्होंने निर्देशित किया कम्पनी निर्धारित शर्तो के अनुसार कूड़ा निस्तारण एवं परिवहन के लिए उपकरण एवं वाहन मानव लगाए। उन्होंने कहा कि कम्पनी का  कोई बहाना नही सुना जाएगा। कम्पनी को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश के साथ ही मानकों के अनुरूप कार्य करना होगा नही तो आगे जुर्मोने के साथ ही ब्लैक लिस्ट की कार्यवाही करने में कोई गुरेज नही किया जाएगा।