NEW DELHI: “राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के केवल चार महीनों के भीतर 1.5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।” यह जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में दी।
धामी ने बताया कि यूसीसी को लागू करने के लिए एक सशक्त और यूज़र-फ्रेंडली डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया गया है, जिसमें एक समर्पित पोर्टल, मोबाइल ऐप और राज्य के 14,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) शामिल हैं। शिकायत निवारण की प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए ऑटो-एस्केलेशन फीचर भी जोड़ा गया है।
राज्य के लगभग 98% गाँवों से प्राप्त आवेदनों ने यूसीसी को लेकर जनता की व्यापक भागीदारी और समर्थन को दर्शाया है। धामी ने इस पहल की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन को दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूसीसी भाजपा के 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणापत्र का एक प्रमुख वादा था, जिस पर सरकार ने सत्ता में आते ही काम शुरू कर दिया।
27 मई, 2022 को गठित एक विशेषज्ञ समिति, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जस्टिस रंजना देसाई ने की, ने सभी 13 जिलों में जन संवाद किया और करीब 2.32 लाख सुझाव एकत्र किए। इसके बाद, 7 फरवरी 2024 को यूसीसी विधेयक विधानसभा में पारित हुआ और 11 मार्च 2024 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। अंततः, 27 जनवरी 2025 को यूसीसी को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यूसीसी किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य विवाह, तलाक और संपत्ति जैसे विषयों में समानता लाना है। यह बहुविवाह, तीन तलाक, बाल विवाह, हलाला और इद्दत जैसी परंपराओं को समाप्त करता है और महिलाओं व बच्चों को समान अधिकार प्रदान करता है।
यूसीसी के तहत अब लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। युवाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, रजिस्ट्रार द्वारा अभिभावकों को सूचित किया जाएगा, जबकि गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी। विवाह और तलाक का पंजीकरण भी अब जन्म और मृत्यु की तरह अनिवार्य हो गया है।
धामी ने बताया कि इस नई व्यवस्था के सफल क्रियान्वयन के लिए नियमों का एक स्पष्ट और व्यावहारिक ढांचा तैयार किया गया है, जो राज्य में सामाजिक न्याय और समानता को मजबूत करेगा।