मुख्यमंत्री पहुंचे ग्राउंड ज़ीरो, धराली आपदा प्रभावितों को दिया हरसंभव मदद का भरोसा

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देहरादून/उत्तरकाशी। विपरीत मौसम और दुर्गम हालातों के बावजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र पहुंचे और आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों और राहतकर्मियों से बातचीत कर आवश्यक निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से खाद्य सामग्री व अन्य जरूरी राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाना और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करना है।

आपदा प्रभावित धराली में राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। बुधवार को यूकाडा के हेलीकॉप्टरों ने कुल सात उड़ानें (सार्टी) भरीं, जिनमें पहली उड़ान से मुख्यमंत्री स्वयं ग्राउंड ज़ीरो पहुंचे। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी भी दूसरी उड़ान से मौके पर पहुंचे। अन्य उड़ानों के माध्यम से SDRF, NDRF और जिला प्रशासन की टीमें भी घटनास्थल पर तैनात की गईं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “धराली के लोग अकेले नहीं हैं। पूरी राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है। सभी संबंधित विभागों को 24×7 मोड पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ले रहे रेस्क्यू अभियान की नियमित अपडेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर धराली आपदा की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बताया कि लगातार बारिश के बावजूद सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया।

रेस्क्यू अभियान में यूकाडा हेलीकॉप्टरों की अहम भूमिका

यूकाडा के हेलीकॉप्टरों ने न केवल राहत सामग्री पहुंचाई, बल्कि कई घायलों और फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू भी किया। इन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 10 जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिनमें से दो घायलों को ऋषिकेश AIIMS रेफर किया गया है। इसके अतिरिक्त तीन नागरिकों को भी रेस्क्यू कर जिला अस्पताल उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।

एनडीआरएफ की टीम में 28 जवान और दो सैटेलाइट फोन के साथ धराली भेजे गए हैं। SDRF और जिला प्रशासन की टीमें भी मौके पर लगातार सक्रिय हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वरिष्ठ अधिकारी लगातार पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं।