Ahoi Ashtami:
हिन्दू पंचांग के अनुसार करवा चौथ के चार दिन बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोइ अष्टमी होती है। इस दिन संतान की कुशलता महिलाएं व्रत रखती हैं। इस दिन मॉं अपनी संतान के कुशल भविष्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं तथा तारा दिखने के बाद ही व्रत का पूर्ण करती हैं।
संतान की कुशलता के लिए आज अहोई अष्टमी व्रत रखा जाएगा। महिलाएं निर्जला व्रत रख भगवान शिव व पार्वती की अराधना करती और संतान की कुशलता की कामना करेंगी। अष्टमी तिथि बुधवार दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से गुरूवार 1 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। मान्यता है कि इस दिन निर्जला व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत माता अहोई की आरती के बिना पूर्ण नही होता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
शाम 5 बजकर 42 मिनट से 6 बजकर 59 मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहेगा।