देहरादून, 13 जुलाई। जनमानस को उसका हक दिलाने और कमजोर वर्गों के शोषण पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन लगातार कड़े कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में एक और बैंक जिला प्रशासन के रडार पर आ गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड के प्रबंधक पर ₹6.50 लाख की आरसी (Recovery Certificate) काट दी है। यदि तय समय में राशि जमा नहीं हुई, तो बैंक शाखा की कुड़की कर वसूली तथा संभावित रूप से शाखा सील व नीलामी की कार्यवाही की जाएगी।
विधवा प्रिया के मामले में प्रशासन की सख्ती
मामला देहरादून निवासी प्रिया का है, जिनके पति स्वर्गीय विकास कुमार ने बैंक से ₹6.50 लाख का गृह ऋण लिया था। बैंक की शर्त पर ऋण का बीमा भी टाटा एआईए इंश्योरेंस से करवाया गया। प्रिया के अनुसार उनके पति की 12 जुलाई 2024 को आकस्मिक मृत्यु हो गई। इसके बाद वह करीब एक वर्ष से बैंक और बीमा कंपनी के चक्कर काट रही थीं, लेकिन न तो ऋण माफ हुआ और न ही बीमा क्लेम दिया गया। उल्टा बैंक लगातार दबाव बनाकर वसूली कर रहा था।
आर्थिक तंगी से जूझ रही चार बेटियों की माँ प्रिया आखिरकार न्याय की गुहार लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष पहुँची। डीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल बैंक द्वारा ऋण बीमा में की गई अनदेखी व लापरवाही को पकड़ा और बैंक प्रबंधक पर ₹6.50 लाख की आरसी जारी कर दी। तय समय में भुगतान न करने पर बैंक की कुड़की व अन्य कठोर कार्रवाई होगी।
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व शिवानी गुप्ता नामक महिला का मामला भी डीएम के समक्ष आया था, जिसमें ₹15.50 लाख की आरसी काटकर बैंक शाखा को सील कर दिया गया था। तब बैंक अधिकारियों को फरियादी के घर जाकर उसके प्रॉपर्टी पेपर्स लौटाने पड़े थे और ऋण माफ करना पड़ा था।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि जनमानस को गुमराह करने और परेशान करने वाले किसी भी संस्था या व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन के इन सख्त फैसलों से न केवल फरियादियों को न्याय मिल रहा है, बल्कि ऐसे कृत्य करने वालों में भी डर बैठने लगा है।