ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर ‘एक संवाद : वीर सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम में शामिल हुए धामी

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“सैनिकों का शौर्य भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत” — मुख्यमंत्री

देहरादून, 9 जून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गढ़ीकैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के उपलक्ष्य में आयोजित ‘एक संवाद: वीर सैनिकों के साथ’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीदों और जवानों के अप्रतिम शौर्य, त्याग व समर्पण को नमन करते हुए घोषणा की कि राज्य में सेवानिवृत्त सैनिकों के पुनः प्रशिक्षण के लिए एक विशेष केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस कार्य की जिम्मेदारी सैनिक कल्याण विभाग को सौंपी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हमारी सेनाओं ने यह सन्देश दिया कि भारत की बेटियों की ओर आँख उठाने वालों को करारा जवाब मिलेगा। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 7 मई को हमारी सेनाओं ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया और 100 से अधिक आतंकियों का सफाया किया।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व और स्पष्ट नीति के चलते भारत आतंकवाद के विरुद्ध अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक नीति अपना चुका है। उन्होंने बताया कि आतंकी हमले के बाद त्वरित निर्णय लेते हुए सिंधु जल समझौता रद्द किया गया और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक मार्ग बंद कर दिए गए, क्योंकि “ट्रेड और टेरर साथ नहीं चल सकते।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि सैनिकों के हित में राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली वार्षिक और एकमुश्त राशि में भी वृद्धि की गई है। बलिदानी सैनिकों के परिजनों को राज्य सेवाओं में नौकरी देने की अवधि को 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष किया गया है।

इसके अतिरिक्त पूर्व सैनिकों और वीरता पुरस्कार प्राप्त जवानों को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा, 25 लाख तक की संपत्ति पर स्टांप ड्यूटी में 25% छूट, और देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण जैसे कई कल्याणकारी प्रयास किए जा रहे हैं।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड हमेशा से वीर सैनिकों की भूमि रहा है। उन्होंने गर्वपूर्वक कहा कि देश की रक्षा में हर पाँचवां सैनिक उत्तराखंड से होता है। “हमारे रणबांकुरों ने प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर अब तक देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। अब भारत आतंक को उसके अड्डों में घुसकर खत्म करना जानता है।”

इस मौके पर सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, स्टेशन कमांडर आर.एस. थापा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृत लाल, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. बिष्ट सहित थलसेना, नौसेना और वायुसेना के कई वरिष्ठ अधिकारी तथा पूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।