नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नैनीताल में कुमाऊं मंडल की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मंडल के छह जनपद—नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंहनगर—के जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि “अब भ्रष्टाचार नहीं, जवाबदेही तय होगी।” उन्होंने जनता से सीधा संवाद बढ़ाने के लिए जनदर्शन, चौपालों और कैंपों के माध्यम से लोगों की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहने की अनिवार्यता पर बल दिया, जिससे दूरदराज़ से आने वाले नागरिकों को मुलाकात का अवसर मिल सके।
निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता पर जोर
धामी ने सभी निर्माण कार्यों को निर्धारित समयसीमा और मानकों के अनुरूप पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि कार्यों में अनियमितता या देरी पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख परियोजनाओं पर समीक्षा
जमरानी बांध परियोजना: मुख्यमंत्री ने बताया कि पुनर्वास पैकेज स्वीकृत हो चुका है और मास्टर प्लानिंग पूर्ण हो गई है। मानसून से पहले मुख्य निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। यह परियोजना उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश—दोनों के लिए सिंचाई के लिहाज़ से अहम है।
सूखाताल पुनर्जीवन: मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे योजना के अंतर्गत 29.16 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और तेजी लाने के निर्देश दिए।
कैंची धाम विकास: मानसखंड मंदिर माला योजना के अंतर्गत कैंची धाम में 28.15 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण और प्रकाशीकरण कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने इसे तीर्थ पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया।
मेडिकल कॉलेजों का विकास: अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के मास्टर प्लान पर कार्य जारी है, जबकि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का बजट दोगुना किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्राथमिकता में हैं।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार भ्रष्टाचार पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने जल जीवन मिशन के अंतर्गत उधम सिंह नगर से प्राप्त शिकायत के आधार पर काशीपुर के अधीक्षण अभियंता शिवम द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को नियमित जनसुनवाई, समाधान आधारित कार्यशैली और स्थानीय स्तर पर तत्काल निस्तारण की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विजिलेंस प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है और भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में अब सरकार सीधे हस्तक्षेप करेगी। दोषी पाए जाने पर अधिकारियों को कठोर दंड मिलेगा, हालांकि निष्पक्ष सुनवाई का अवसर भी प्रदान किया जाएगा।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि “जनता के सपनों को साकार करना हमारी प्राथमिकता है। उत्तराखंड कई क्षेत्रों में देशभर में अग्रणी बन चुका है, अब हमें अन्य क्षेत्रों में भी शीर्ष स्थान प्राप्त करना है।”