माउंट लिट्रा, सेंट जोसेफ एकेडमी, जिम पायनियर, समर वैली, स्कॉलर्स होम, संत कबीर, समरफील्ड, क्राइस्ट, चौतन्य टेक्नो स्कूल सहित अब तक 25 निजी स्कूलों में विगत पांच वर्षाे के फीस स्ट्रक्चर की गहनता से जांच की गई है।
देहरादून,18 अप्रैल। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि निर्धारित मानक से अधिक फीस, अभिभावकों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहीं से शिकायत प्राप्त हुई तो इस पर सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा और ऐसे स्कूलों की मान्यता निरस्त की जाएगी।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, माउंट लिट्रा, सेंट जोसेफ एकेडमी, जिम पायनियर, समर वैली, स्कॉलर्स होम, संत कबीर, समरफील्ड, क्राइस्ट, चौतन्य टेक्नो स्कूल सहित अब तक 25 निजी स्कूलों में विगत पांच वर्षाे के फीस स्ट्रक्चर की गहनता से जांच की गई है। जिसमें कुछ स्कूलों में मानक को ताक पर रखते हुए मनमाने तरीके से 35 प्रतिशत तक फीस वृद्धि मिली। जबकि की कतिपय स्कूलों में इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में कोई फीस वृद्धि नहीं होना पाया गया। मानक का अनुपालन न करने वाले स्कूलों को जिलाधिकारी की सख्त हिदायत के बाद अपना फीस स्टेक्चर रिवाइज करना पडा है। स्कूलों ने अब आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार अधिकतम फीस वृद्धि 10 प्रतिशत तक ही रखी है।
जिलाधिकारी ने समस्त निजी विद्यालयों को निर्देशित किया है कि शासनादेशों के अनुरूप अपने विद्यालयों में शुल्क वृद्धि तीन वर्ष के अन्तराल में किसी भी दशा में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक नहीं करेंगे। निजी स्कूलों द्वारा किसी एक निर्धारत दुकान से किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए अभिभावकों को मजबूर करने की शिकायत को भी गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने स्कूल संचालकों को आडे हाथ लिया। जिलाधिकारी ने स्कूलों में निर्देशित किया था कि अभिभावक और बच्चों को किसी निर्धारित दुकान से किताबें खरीदने को मजबूर न करें।
जिलाधिकारी के कड़े निर्देशों पर निजी स्कूलों ने अभिभावकों के लिए स्कूल एडवाजारी जारी कर दी है। जिससे अभिभावक अब किसी भी दुकान से बच्चों की किताबें और गणवेश ले सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में जिला प्रशासन के आक्रमक रवैये से पुस्तक माफियाओं के बाद अब निजी स्कूल भी बैकफुट पर आ गए है। स्कूलों ने मनमाने तरीके से बढ़ाई फीस कम कर दी है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर गठित प्रशासन की कोर टीम ने प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक 25 निजी स्कूलों का पिछले 05 वर्षाे के फीस स्टैक्चर की जांच की गई। मानक से अधिक फीस बढ़ाने वाले स्कूलों को सख्त हिदायत के बाद निजी स्कूल बैकफुट पर आ गए है। जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद स्कूलों ने मनमाने तरीके से 35 प्रतिशत तक बढ़ाई फीस स्टैक्चर को रिवाइज कर लिया है और मानक के अनुसार अब अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही फीस रखी है। साथ ही स्कूलों ने अभिभावकों को स्पष्ट एडवाइजरी भी जारी कर दी है कि अभिभावक कही से भी खरीदें किताबें और ड्रेस खरीद सकते है। जिला प्रशासन की सख्त प्रवर्तन एक्शन के बाद अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।
डीएम ने सख्त चेतावनी दी है कि काई भी No if & but, नही सुना जाएगा। मानको की अनदेखी, करते हुए फीस बढोतरी पर स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।