पीपीपी मोड पर संचालित 12 शहरी अस्पतालों में भारी अनियमितताएं,
डीएम के नेतृत्व में छापेमारी।
डॉक्टर नदारद, स्टाफ की फर्जी उपस्थिति,
दवाओं की भारी कमी, सफाई और सुरक्षा बदहाल।
फर्म पर ₹5 लाख का जुर्माना, अनुबंध समाप्ति की मुख्य सचिव को सिफारिश।
देहरादून, 30 जुलाई। देहरादून जिले में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर संचालित 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Urban PHCs) में भारी अनियमितताओं को लेकर बुधवार सुबह जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में चार प्रशासनिक टीमों ने एक साथ छापेमारी कर सख्त कार्रवाई की।
छापेमारी के दौरान अधिकांश अस्पतालों में डॉक्टर, एएनएम, लैब टेक्नीशियन और नर्स अनुपस्थित मिले। कई जगहों पर स्टाफ की बायोमेट्रिक उपस्थिति बिना आए दर्ज पाई गई। दवाओं की भारी कमी, सफाई व्यवस्था बेहद खराब, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण के लिए जरूरी कोल्ड चैन जनरेटर भी नदारद थे।
छापेमारी में सामने आई प्रमुख खामियां:
डॉक्टर, एएनएम, लैब टेक्नीशियन और नर्स अनुपस्थित
स्टाफ की फर्जी हाजिरी (भूतिया एंट्री)
दवाइयों की भारी कमी और फिजूल में बाहर से लिखी जा रही दवाएं
साफ-सफाई और सुरक्षा की बदहाल स्थिति
टीकाकरण के लिए जनरेटर और डीप फ्रीजर अनुपलब्ध
पेयजल, बैठने की व्यवस्था, वॉशबेसिन और टॉयलेट की बदतर स्थिति
बायो मेडिकल वेस्ट का अनुचित निस्तारण
लैब टेस्ट और उपकरणों की कमी
MOU के अनुरूप न्यूनतम सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं
जिलाधिकारी ने अक्षांस/चित्रांश जेवीके प्राइवेट लिमिटेड पर ₹5 लाख का प्रारंभिक अर्थदंड लगाया है और अनुबंध समाप्त करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेजी है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अस्पतालों के बायोमेट्रिक उपस्थिति का 3 महीने का विवरण तलब किया है।
छापेमारी अभियान की प्रमुख टीमें और उनके निरीक्षण स्थल:
डीएम सविन बंसल: जाखन, गांधीग्राम
सीडीओ अभिनव शाह: चूना भट्टा, अधोईवाला, कारगी
एसडीएम सदर हरी गिरी: रीठामंडी, बकरालवाला, खुड़बुड़ा, सीमाद्वार
एसडीएम मुख्यालय अपूर्वा सिंह: दीपनगर, माजरा, बीएस कॉलोनी
अस्पतालों की दुर्दशा के कुछ उदाहरण:
चूना भट्टा पीएचसी: ऑक्सीजन सिलेंडर स्टाफ को चलाना नहीं आता, आरओ सिस्टम खराब, दीवारों पर मकड़ी के जाले
अधोईवाला पीएचसी: स्टाफ नदारद, टीकाकरण रजिस्टर तक मेंटेन नहीं, लैब अव्यवस्थित
गांधीग्राम पीएचसी: वॉशबेसिन में पानी नहीं, आरओ अनुपस्थित, शौचालय गंदा