धामी सरकार की सख्ती: अपंजीकृत और मानकहीन नशा मुक्ति केंद्रों पर एक्शन मोड में प्रशासन

0
6

राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और एसटीएफ की संयुक्त रणनीति, सभी जनपदों में होगी सघन निगरानी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश के बाद राज्य सरकार ने अपंजीकृत और मानकहीन नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन अब संयुक्त रूप से ऐसे केंद्रों की पहचान, जांच और बंदी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं जो न केवल मानकों का पालन कर रहे हैं बल्कि वैध पंजीकरण भी नहीं रखते। इन केंद्रों में मरीजों की देखरेख, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और पुनर्वास प्रक्रिया अक्सर सवालों के घेरे में रही हैं। अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है — या तो मानक पूरे करो या बंद हो जाओ।

इसी क्रम में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों एवं एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह के नेतृत्व में सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में गैर-पंजीकृत एवं अवैध रूप से संचालित नशा मुक्ति केंद्रों की पहचान, निरीक्षण और बंदी को लेकर विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई।

अब राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं जनपद स्तरीय निरीक्षण टीमों को स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) का सक्रिय सहयोग मिलेगा। सभी जिलों में औचक निरीक्षण की गति और गंभीरता बढ़ाई जाएगी।

राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण यह सुनिश्चित कर रहा है कि बिना वैध पंजीकरण चल रहे सभी केंद्रों की पहचान कर उन्हें तत्काल बंद किया जाए। ऐसे संस्थानों पर आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह संपूर्ण कार्रवाई मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम के तहत संचालित की जा रही है।

इस महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त निदेशक डॉ. एस. डी. बर्मन, सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह समेत सभी संबंधित एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे और समन्वित कार्यप्रणाली पर सहमति बनी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी नशा मुक्ति केंद्रों की सख्ती से निगरानी की जाए। जो केंद्र केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा नहीं करते, उनके विरुद्ध त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेगी। “नशा मुक्ति केंद्र सिर्फ शेल्टर होम नहीं, बल्कि प्रभावी पुनर्वास केंद्र होने चाहिए,” उन्होंने कहा।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार प्रदेश को नशे के चंगुल से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर आक्रामक रणनीति पर काम कर रहे हैं। यह अभियान केवल औपचारिक निरीक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जनहित में कठोर निर्णय लिए जाएंगे। नशा मुक्ति की आड़ में चल रही अनियमितताओं पर अब पूरी तरह विराम लगाया जाएगा।