11 जुलाई से 23 जुलाई तक चलने वाले कांवड़ मेले को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में किया गया विभाजित।
पंचक काल 13 से 17 जुलाई, डाक कांवड़ 20 से 23 जुलाई तथा श्रावण शिवरात्रि 23 जुलाई को जलाभिषेक के साथ मेले का होगा समापन।
देहरादून – आगामी कांवड़ मेले के सफल आयोजन को लेकर मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि मेला अवधि में व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पेयजल, साफ-सफाई, टॉयलेट, पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं में लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि 11 जुलाई से 23 जुलाई तक चलने वाले कांवड़ मेले को सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पंचक काल 13 से 17 जुलाई, डाक कांवड़ 20 से 23 जुलाई, तथा श्रावण शिवरात्रि 23 जुलाई को जलाभिषेक के साथ मेले का समापन होगा।
सीएस बर्धन ने चेतावनी दी कि कांवड़ मेले में उत्पात मचाने वालों, नशा करने वालों तथा किसी भी प्रकार की अव्यवस्था फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बड़े डीजे साउंड के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा।
व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी के निर्देश
नगर निकायों को नियमित साफ-सफाई, शौचालयों की उपलब्धता एवं पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
जल संस्थान को पेयजल आपूर्ति निर्बाध बनाए रखने के लिए कहा गया।
फूड सेफ्टी विभाग को खानपान की वस्तुओं की नियमित जांच के आदेश दिए गए।
पूर्ति विभाग को ओवररेटिंग पर निगरानी रखने और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को समय से पूर्व बैठकें आयोजित कर सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। सिंचाई विभाग को स्नान घाटों और पुलों पर सुरक्षा उपायों के साथ साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बैठक में मेला संचालन की तैयारियों का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। बताया गया कि भीड़ और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए अलग-अलग रूट प्लान, स्थायी और अस्थायी पार्किंग स्थल तथा वाहन डाइवर्जन योजना तैयार की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में विभाजित किया गया है, ताकि निगरानी और प्रबंधन प्रभावी हो सके।
देहरादून, पौड़ी और टिहरी जनपदों ने भी अपनी तैयारियों और बजटीय आवश्यकताओं की जानकारी दी। स्थायी और अस्थायी निर्माण कार्यों की जरूरतों और उनके बजट प्रावधानों पर भी विचार किया गया।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे, महानिरीक्षक के.एस. नगन्याल तथा हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी और टिहरी के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।