करवा चौथ व्रत:
करवा चौथ हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस व्रत की शुरुआत सरगी खाने से होती है, जो कि प्रात: सूर्योदय से पहले खाई जाती है।
करवा चौथ व्रत का फल, विधि-विधान, महत्व, सरगी शुभ मुहूर्त एवं चंद्र दर्शन समय के बारे में जब पं कमलेश्वर प्रसाद चमोली, आचार्य से जानकारी प्राप्त की तो कुछ इस प्रकार से उन्होंने अपने विचार रखे:
पंडित कमलेश्वर प्रसाद चमोली, आचार्य के अनुसार, 20 अक्टूबर 2024, रविवार करवा चौथ का व्रत रहेगा। इसमें सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत करती हैं एवं घर में सुख शांति समृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है। कुंवारी कन्या भी अच्छे वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं। इस दिन स्त्रियां, जो करवा चौथ का व्रत रखती हैं, प्रातः काल सरगी का सेवन करती हैं एवं पूरा दिन निर्जल व्रत रखकर के शाम को चंद्रमा उदय होने पर चंद्रमा की पूजा अरग्य देकर ही व्रत समाप्त करती है।
सरगी का शुभ मुहूर्त:
इस बार सरगी का समय प्रातः 6:00 बजे से पहले का रहेगा।
करवा चौथ व्रत कथा:
अपराह्न: 3:00 – 5:30 बजे तक ।
चंद्र दर्शन का समय:
चंद्रमा उदय का समय रात्रि 8:45 पर संभावित है।