UTTARAKHAND NEWS:
धार्मिक दृष्टि से पूर्वजों की शांति के लिए पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करने का विधान है। हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जो आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक रहती है। पितरों का प्रसन्न रहना महत्वपूर्ण माना जाता है। पितर खुश रहें तो सुख-समृद्धि व वंश वृद्धि का आशीष प्राप्त होता है, ऐसा माना जाता है।
पंडित कमलेश्वर प्रसाद चमोली, आचार्य के अनुसार, इस साल मंगलवार के दिन 17 सितंबर, 2024 को पितृपक्ष की शुरुआत होगी। वहीं, कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन 02 अक्टूबर, 2024 को पितृपक्ष की समाप्ति हो जाएगी।
पितृपक्ष 2024 के श्राद्ध की तिथियाँ और सही समय:
श्राद्ध पक्ष
दिनांक 17 सितंबर 2024 मंगलवार से पितृपक्ष प्रारंभ पूर्णिमा का श्राद्ध 11:30बजे से प्रारंभ होगा एवं अगले दिन 8:30 बजे तक पूर्णिमा का श्राद्ध रहेगा।
18 सितंबर बुधवार 8:00 बजे के बाद प्रतिपदा का श्राद्ध प्रारंभ होगा।
19 सितंबर गुरुवार द्वितीय का श्राद्ध
20 सितंबर शुक्रवार तृतीया का श्राद्ध
21 सितंबर शनिवार चतुर्थी का श्राद्ध
22 सितंबर रविवार पंचमी का श्राद्ध
23 सितंबर सोमवार षष्ठी का श्राद्ध
24 सितंबर मंगलवार सप्तमी का श्राद्ध
25 सितंबर बुधवार अष्टमी का श्राद्ध
26 सितंबर गुरुवार नवमी का श्राद्ध
27 सितंबर शुक्रवार दसवीं का श्राद्ध
28 सितंबर शनिवार एकादशी का श्राद्ध
29 सितंबर रविवार द्वादशी का श्राद्ध
30 सितंबर सोमवार त्रयोदशी का श्राद्ध
1 अक्टूबर मंगलवार चतुर्दशी का श्राद्ध
2 अक्टूबर सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध
पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध करे ।