UTTARAKHAND: मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी महिलाओं को मिलेगा “सौर सखी” का सम्मान, सौर ऊर्जा के विस्तार पर विशेष जोर

0
6

देहरादून — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं के साथ संवाद किया। इस “मुख्य सेवक संवाद” कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों व भविष्य की योजनाओं को साझा किया।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस योजना से जुड़ी महिलाओं को “सौर सखी” के नाम से सम्मानित किया जाएगा, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि योजना को और व्यापक रूप से प्रचारित करने के लिए राज्य के सभी विकासखण्डों में विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

सौर संयंत्रों के संचालन और रख-रखाव के लिए प्रत्येक जनपद में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा सके।

अब तक 250 मेगावाट क्षमता का लक्ष्य हासिल

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अब तक राज्य में 250 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है, और अब 2027 तक 2500 मेगावाट तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नई नीति भी लागू की है।

धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। पीएम सूर्य घर योजना, पीएम-कुसुम योजना और इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे प्रयास इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। वर्ष 2030 तक देश को 500 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का संकल्प, इसी दृष्टि का हिस्सा हैं।

योजना के अंतर्गत सब्सिडी और ऋण सुविधा

सीएम ने बताया कि योजना के अंतर्गत 20 से 200 किलोवाट तक की परियोजनाओं पर 20 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग और दिव्यांगजनों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान भी मिलेगा। इसके साथ ही संयंत्रों की स्थापना हेतु ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी तथा 25 वर्षों का पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) की गारंटी यूपीसीएल द्वारा दी जा रही है। संपूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था भी की गई है।

स्थानीय विकास और आजीविका पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार “वोकल फॉर लोकल”, “मेक इन इंडिया”, और “स्टार्टअप इंडिया” जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग कर रही है। उन्होंने बताया कि “एक जनपद, दो उत्पाद” योजना और “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के माध्यम से राज्य के स्थानीय उत्पादों को पहचान और बाजार प्रदान किया जा रहा है।

विकासकर्ताओं की राय और सुझाव

संवाद के दौरान योजना के लाभार्थियों ने अपनी बात रखी। उत्तरकाशी के शैलेन्द्र सिंह ने योजना को पर्वतीय क्षेत्रों के लिए लाभकारी बताया, जबकि चमोली के विकास मोहन ने इसके व्यापक प्रचार की आवश्यकता जताई। पौड़ी की रूपा रानी ने महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया और चम्पावत के केतन भारद्वाज ने सोलर संयंत्रों के रख-रखाव हेतु प्रशिक्षण की जरूरत बताई।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव एवं निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु, यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल और पिटकुल के प्रबंध निदेशक पी.सी. ध्यानी भी उपस्थित रहे।