प्रधानमंत्री के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” के मंत्र को अपनाते हुए राज्य विकास की दिशा में अग्रसर: धामी

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देहरादून के बल्लीवाला में रविवार को आयोजित ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ विषयक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की शपथ दिलाई और कहा कि यह सम्मान समारोह केवल सम्मान नहीं, बल्कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के अभियान का उत्सव है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई जनता के विश्वास और युवाओं की उम्मीदों की जीत है। सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की है। उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसफर, परीक्षा प्रणाली की निगरानी, सीएम हेल्पलाइन 1905 व भ्रष्टाचार हेल्पलाइन 1064 का उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी, ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और योजनाओं में कमीशनखोरी के मामलों में कठोर कार्रवाई की गई, जिसके तहत पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया। साथ ही पिछले चार वर्षों में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई।

धामी ने समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून, लैंड जिहाद-लव जिहाद पर कार्रवाई तथा धर्मांतरण व दंगारोधी कानूनों के माध्यम से शासन को मजबूत बनाने की जानकारी दी। उन्होंने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत छद्म वेशधारियों की पहचान कर अब तक 200 से अधिक संदिग्धों को पकड़े जाने का उल्लेख करते हुए जनता से ऐसे तत्वों की सूचना पुलिस को देने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा” के मंत्र को आत्मसात कर प्रदेश सरकार पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी शासन के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को दोहराया।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, स्वामी चिदानंद सरस्वती, किशन गिरी महाराज, राकेश ऑबेरॉय, पंकज गुप्ता सहित अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।