देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को परेड ग्राउंड, देहरादून में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया और उन्हें खेल भावना की शपथ भी दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओलंपिक केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि समर्पण, साधना और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। यह दिवस खेल भावना, एकता और शांति के मूल्यों को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हुए हैं। अब भारत केवल प्रतिभागी नहीं, बल्कि विजेता राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। वर्ष 2023 के एशियाई खेलों में भारत ने 107 पदक हासिल किए, जबकि टोक्यो ओलंपिक 2020 में 126 खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया – यह देश की मजबूत होती खेल व्यवस्था का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड को ‘खेलभूमि’ के रूप में विकसित करने के प्रयासों के तहत राज्य में 23 खेल अकादमियों, खेल विश्वविद्यालय हल्द्वानी और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज लोहाघाट की स्थापना की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर राज्य को गौरवान्वित किया।
राज्य सरकार द्वारा लागू खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को आउट-ऑफ-टर्न सरकारी नौकरी, खेल भत्ता, उत्तराखंड खेल रत्न व हिमालय खेल रत्न पुरस्कार जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। साथ ही, राजकीय सेवाओं में 4 प्रतिशत खेल कोटा लागू किया गया है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 3,900 और मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 2,155 खिलाड़ियों को डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि हस्तांतरित की जा रही है।
खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में बनी नई खेल नीति में खिलाड़ियों की सुविधा और भविष्य को ध्यान में रखते हुए अनेक प्रावधान शामिल किए गए हैं। राज्य में खेल अधोसंरचना का तीव्र विकास हुआ है, और 38वें राष्ट्रीय खेलों की सफल मेजबानी इसका उदाहरण है।
कार्यक्रम में विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, अपर निदेशक अजय अग्रवाल सहित खेल विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।