उत्तराखंड कैबिनेट के ऐतिहासिक निर्णय
देहरादून, 29 मई – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में राज्य के आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास को गति देने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इन 11 अहम प्रस्तावों में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय भारत की पहली समर्पित योग नीति को मंजूरी देना रहा, जिससे उत्तराखंड को “योग और प्राकृतिक स्वास्थ्य की वैश्विक राजधानी” के रूप में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मुख्यमंत्री धामी ने इन फैसलों को “ऐतिहासिक और दूरदर्शी” करार देते हुए कहा कि ये निर्णय राज्य को निवेश, पर्यटन, स्वास्थ्य और रोजगार के नए आयामों तक पहुँचाएंगे।
प्रमुख कैबिनेट निर्णय:
1. उत्तराखंड योग नीति 2025
देश की पहली पूर्ण योग नीति।
दृष्टिकोण: उत्तराखंड को वैश्विक योग और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित करना।
प्रमुख पहलें:
जागेश्वर, टिहरी झील सहित पाँच नए योग केंद्र स्थापित होंगे।
2030 तक प्रत्येक आयुष केंद्र में योग सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
प्रशिक्षण, अनुदान और अनुसंधान के लिए ₹35 करोड़ का प्रावधान।
13,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे; 2,500 प्रमाणित योग शिक्षकों का लक्ष्य।
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा हेतु एक नया निदेशालय स्थापित किया जाएगा।
2. उत्तराखंड मेगा औद्योगिक एवं निवेश नीति 2025
2021 की नीति का स्थान लेगी।
निवेश की श्रेणियों के आधार पर प्रोत्साहन (बड़ी, मेगा, अल्ट्रा मेगा)।
10-20% पूंजी सब्सिडी और 50 लाख तक स्टाम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति।
पहाड़ी जिलों को अतिरिक्त 1-2% प्रोत्साहन।
नीति की वैधता 5 वर्ष।
3. उत्तराखंड खरीद (प्रोक्योरमेंट) नियम 2024
स्थानीय कार्य सीमा ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़।
एसएचजी और एमएसएमई को प्राथमिकता; एसएचजी 10% अधिक बोली तक पात्र।
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (EBG) प्रणाली और IFMS पोर्टल पर शिकायत निवारण।
4. लेखा संवर्ग के वेतन संशोधन
2019 से पूर्व नियुक्त सहायक लेखाकारों की वेतन विसंगति समाप्त।
वेतनमान को लेवल 8 (₹47,600–₹1,51,100) तक उन्नत किया गया।
5. बांध सुरक्षा रिपोर्ट 2023-24
21 बांधों की सुरक्षा रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएगी।
बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के तहत कदम।
6. पंजीकरण क्लर्क सेवा नियमावली 2025
1978 और 2008 के पुराने नियमों को प्रतिस्थापित।
नियुक्ति, पदोन्नति, वेतन और कर्तव्यों को स्पष्ट किया गया।
7. सेवा क्षेत्र नीति 2024 में संशोधन
शिक्षा, आईटी, स्वास्थ्य, फिल्म, खेल क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा।
विकसित क्षेत्रों को प्रोत्साहन सूची से बाहर किया गया।
प्रत्येक जिले में एक परियोजना की सीमा तय।
8. चाय विकास बोर्ड का सुदृढ़ीकरण
11 नए पदों को मंजूरी (4 नियमित, 7 आउटसोर्स)।
चाय की खेती को बढ़ावा देकर ग्रामीण आय में वृद्धि का लक्ष्य।
9. तीमारदार विश्राम गृह
देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों के पास स्थापित होंगे।
CSR, NGO व अन्य स्रोतों से वित्तपोषण।
10. जहर नियमों में संशोधन
मिथाइल अल्कोहल को जहर की श्रेणी में शामिल किया गया।
इसके अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी।
11. स्वास्थ्य योजना भुगतान हेतु ₹75 करोड़ का ऋण
अटल आयुष्मान योजना और राज्य स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लंबित बकाया का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
कहा जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार के ये निर्णय राज्य को न केवल एक नई औद्योगिक और आर्थिक दिशा देंगे, बल्कि इसे योग, प्राकृतिक चिकित्सा और सेवा क्षेत्र में भी एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेंगे।