UTTARAKHAND: राज्यपाल ने राजभवन नैनीताल में दो पुस्तकों का किया विमोचन

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नैनीताल। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि पुस्तकें किसी भी संस्थान की आत्मा होती हैं। ये केवल घटनाओं का संकलन भर नहीं, बल्कि विचारों, मूल्यों और भावनाओं की ऊर्जा से ओतप्रोत होती हैं, जो न केवल वर्तमान को दिशा देती हैं बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रकाश स्तंभ का कार्य करती हैं। राज्यपाल शनिवार को राजभवन नैनीताल में आयोजित दो पुस्तकों के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी की पुस्तक “कुमाऊं विश्वविद्यालय – इतिहास और विकास” तथा इतिहास विभाग की सावित्री कैड़ा जंतवाल की पुस्तक “स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड में महिलाओं की भूमिका (उत्तराखंड आंदोलन के विशेष संदर्भ में)” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डी.एस. रावत भी उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय की यात्रा संघर्षों और उपलब्धियों से भरी रही है, जिसे अब इन पुस्तकों के माध्यम से अकादमिक रूप से संरक्षित किया गया है।

उन्होंने सावित्री जंतवाल की पुस्तक की विशेष सराहना करते हुए कहा कि यह केवल महिलाओं की जागरूकता का इतिहास नहीं बल्कि इस बात की दास्तान भी है कि उत्तराखंड आंदोलन में महिलाएं भागीदार भर नहीं, बल्कि परिवर्तन की अगुवा रही हैं। वहीं, प्रो. जोशी ने अपनी पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थापना की पृष्ठभूमि और उसकी विकास यात्रा का विस्तार से उल्लेख किया गया है।