देहरादून: कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने अपने विवादित बयान को लेकर बढ़ते दबाव और व्यापक विरोध के बीच अपना इस्तीफा दे दिया है। अग्रवाल ने रविवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे बाद में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यपाल को भेज दिया गया।
इस्तीफे से पहले अग्रवाल ने देहरादून में अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां उन्होंने पिछले महीने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान दिए गए अपने बयानों का बचाव किया। इस दौरान वो भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया और उनका कभी भी उत्तराखंड में किसी विशेष क्षेत्र या समुदाय को निशाना बनाने का इरादा नहीं था। अपनी निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ समूहों ने जानबूझकर उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया ताकि उनके खिलाफ भ्रामक कहानी बनाई जा सके।
अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने लंबे समय से जुड़े होने और उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अपने योगदान पर भी बताया। उन्होंने कहा कि स्पष्टीकरण के बावजूद, उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होते रहे, जिसके कारण उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला करना पड़ा।
अपने इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा करने से पहले कैबिनेट मंत्री अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक पर गए। वहां उन्होंने उत्तराखंड के निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और क्षेत्र में शांति और सद्भाव के लिए काम करना जारी रखने का संकल्प लिया।