सरकारी नौकरी केवल रोजगार नहीं, सामाजिक जिम्मेदारी भी: धामी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में 112 नवचयनित परिवहन आरक्षियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी मात्र एक रोजगार नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक उत्तरदायित्व है।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों से अपेक्षा की कि वे अपने कार्यस्थल पर अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और पारदर्शिता बनाए रखें, साथ ही आमजन के साथ संवाद और सहयोग की भावना से कार्य करें। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश यह होनी चाहिए कि जनता का कार्य ऑटो मोड पर हो, उन्हें अनावश्यक भटकना न पड़े।”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग पर सड़क सुरक्षा के प्रति जन-जागरूकता फैलाने के लिए दो प्रचार वाहनों को भी रवाना किया।
धामी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति पर काम कर रही है। टोल फ्री नम्बर 1064 पर भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की प्रभावी सुनवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि बीते तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है।
परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों पर बात करते हुए धामी ने कहा कि राज्य में वाहनों की संख्या बढ़ने से सड़क दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने फरवरी 2025 में “नई उत्तराखण्ड सड़क सुरक्षा नीति 2025” लागू की है। इस नीति के तहत 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता पर बल देते हुए सीएम ने कहा, “हमारी सरकार योग्य और प्रतिभावान युवाओं को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले तीन वर्षों में हमने 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी है।” उन्होंने बताया कि राज्य में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिससे अब सभी परीक्षाएं निष्पक्ष और सुरक्षित ढंग से आयोजित हो रही हैं।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, सचिव बृजेश कुमार संत, अपर सचिव रीना जोशी समेत परिवहन विभाग के अधिकारी और सभी नवचयनित अभ्यर्थी मौजूद रहे।