UTTARAKHAND NIVESH UTSAV – 2025: ‘सुपर शाबासी’ और भरोसे की मुहर

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मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर केंद्रीय गृह मंत्री का खुला समर्थन

RUDRAPUR: गृह मंत्री अमित शाह ने पुष्कर सिंह धामी को एक नहीं, कई बार नाम लेकर सराहा। कभी “भाई”, कभी “लोकप्रिय”, तो कभी “यशस्वी मुख्यमंत्री” कहा—यह केवल औपचारिक प्रशंसा नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्तर पर व्यक्तिगत और संस्थागत समर्थन का मजबूत संकेत है।

2023 की ‘पराक्रम’ चर्चा का संदर्भ
वर्ष 2023 में हुई निजी बातचीत को सार्वजनिक मंच पर साझा करना एक प्रतीकात्मक संकेत है कि:

केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री धामी के प्रयासों पर निरंतर नज़र रख रहा है।

उस संवाद का पालन करते हुए जो कार्य हुए, उन्हें “पराक्रम” के रूप में मान्यता मिल रही है।

‘धरातल पर उतारने’ की क्षमता की पुष्टि
अमित शाह ने 30% निवेश प्रस्तावों के धरातल पर उतरने को “बहुत बड़ी उपलब्धि” माना — जो राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर माना जा सकता है।


संख्यात्मक उपलब्धियाँ जो धार देती हैं

₹1 लाख करोड़ का कुल निवेश धरातल पर

81,000 से अधिक स्थानीय रोजगार सृजित

औद्योगिक विकास और पर्यावरण संतुलन — एक साथ साधने की नीति।


नीतिगत पक्ष और ब्रांडिंग का संकेत

गृह मंत्री ने केवल सराहना नहीं की, बल्कि सीएम धामी सरकार की नीतियों का साक्ष्य आधारित प्रचार भी किया:

पारदर्शिता, तीव्र क्रियान्वयन और दूरदर्शिता को तीन स्तंभ बताया।

नीतियों की ब्रांडिंग करते हुए संकेत दिया कि उत्तराखंड मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन सकता है।


भौगोलिक कठिनाई के बावजूद निवेश सफलता

“पहाड़ी राज्यों में निवेश लाना पहाड़ चढ़ने जितना कठिन” — इस वाक्य से उन्होंने उत्तराखंड की जमीनी मुश्किलों को रेखांकित करते हुए धामी सरकार के प्रयासों को विशेष बना दिया।


यह भाषण न केवल पुष्कर सिंह धामी के लिए एक सार्वजनिक मान्यता है, बल्कि यह एक बड़े संदर्भ में उत्तराखंड मॉडल की विश्वसनीयता और केंद्र-राज्य समन्वय का प्रतीक है।