देहरादून – उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य के समस्त प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को गुरूवार को निर्देशित किया कि वे सरकारी आयोजनों में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को प्राथमिकता दें। यह पहल उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित समूहों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है।
मुख्य सचिव ने अपने निर्देशों में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु महिला समूहों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण, कैंटीन संचालन आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। ये समूह खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता मानकों का पालन करते हुए गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया है कि राज्य, जनपद और विकासखंड स्तर पर आयोजित सभी शासकीय/अर्ध-शासकीय बैठकों, कार्यक्रमों और समारोहों में कैटरिंग सेवाओं के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को यथासंभव प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए संबंधित विभाग परियोजना निदेशक या सहायक परियोजना निदेशक, ग्राम्य विकास से समन्वय स्थापित कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, जिलों में आने वाले विशिष्ट अतिथियों व गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत हेतु स्मृति-चिन्ह और उपहारों के रूप में स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों या हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड से जुड़ी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है।
बर्द्धन ने यह भी कहा कि कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और बैठकों में जलपान व्यवस्था के तहत स्थानीय पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट उत्पादों एवं अन्य पारंपरिक खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जाना चाहिए। साथ ही, सरकारी परिसरों में कैंटीन या आउटलेट संचालन हेतु भी महिला स्वयं सहायता समूहों को वरीयता देने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन सेवाओं और उत्पादों की खरीद-बिक्री राज्य की वित्त विभाग द्वारा निर्धारित अधिप्राप्ति नियमावली के अंतर्गत की जाए, ताकि पारदर्शिता और नियमबद्धता सुनिश्चित हो सके।