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DEHRADUN: बेटियों  के सपनों को प्रशासन देगा उड़ान 

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जनपद में कोई भी बालिका धन की कमी से नहीं रहेगी शिक्षा से वंचित: डीएम 

देहरादून। कार्यभार सँभालने के बाद से ही डीएम देहरादून, सविन बंसल लगातार एक्शन मोड में हैं। जनमानस वेलफेयर में कई कार्य करने के बाद अब जिलाधिकारी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के नारे को धरातल पर उतारने का बीड़ा उठाया है।  जिलाधिकारी सविन बंसल ने गरीब अनाथ असहाय बालिकाओं की  स्नातक एवं कौशल शिक्षा की जिम्मेदारी उठाते हुए  बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।

जिलाधिकारी द्वारा मंगलवार, 04 फरवरी को जिला टास्क फोर्स की बैठक में “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अन्तर्गत गरीब, अनाथ एवं असहाय तथा अन्य विषम परिस्थितियों में अध्ययन कर रही बालिकाओं को न्यूनतम् स्नातक स्तर तक शिक्षित करने एवं उन्हें कौशल शिक्षा प्रदान करते हुए रोजगार से जोड़ने के लिए योजना बनाने हेतु निर्देश जारी कर दिए हैं। 

टास्क फोर्स के समस्त सदस्यों द्वारा अग्रिम कार्यवाही किये जाने की सहमति के क्रम में गरीब, अनाथ एवं असहाय तथा अन्य विषम परिस्थितियों में अध्ययन कर रही बालिकाओं को न्यूनतम स्नातक स्तर तक शिक्षित किये जाने एवं कौशल शिक्षा प्रदान करते हुए रोजगार से जोड़ने हेतु कार्ययोजना निर्धारित की है।

बालिकाओं का चयन जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविरों में, जनपद में विभिन्न सरकारी कार्यालयों के माध्यम से प्राप्त प्रार्थना पत्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के अधीन बालिका गृहों में निवासरत बालिकायें, जनपद की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से सर्वे के आधार पर किया जाएगा।

समिति बालिकाओं के आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होने के आशय के प्रमाण पत्र के साथ बालिकाओं की अनन्तिम सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय को प्रेषित करेगी। समिति द्वारा प्राप्त पात्र बालिकाओं की प्रमाणित सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी संकलित कर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के सम्मुख अन्तिम रूप से चयन एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु अनुमोदनार्थ प्रस्तुत की जायेगी।

जिला टास्क फोर्स की संस्तुति एवं अनुमोदन के पश्चात् उक्त आर्थिक सहायता शिक्षण शुल्क के रूप में सम्बन्धित विद्यालय / संस्थान के बैंक खाते में ऑनलाईन माध्यम से अन्तरित की जायेगी तथा पुस्तक, ड्रेस इत्यादि अन्य व्यय हेतु धनराशि बाल विकास परियोजना अधिकारी की आख्यानुसार बालिका को सीधे ऑनलाईन माध्यम से अन्तरित की जायेगी।

समस्त चयनित बालिकाओं का विद्यालय में पुनः प्रवेश सम्बन्धित क्षेत्र की सुपरवाइजर द्वारा स्वयं करवाया जायेगा तथा इस आशय का प्रमाण-पत्र सम्बन्धित विद्यालय / संस्थान से प्राप्त कर बाल विकास परियोजना अधिकारी के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रेषित किया जायेगा।

समस्त व्यय ‘बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के अन्तर्गत प्राप्त बजट लिमिट एवं सीएसआर से किया जायेगा।