देहरादून: जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के चलते देहरादून में 14 अनाथ और दिव्यांग बालिकाओं का सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित हो सका है। ये बालिकाएं पूर्व में सत्य साईं आश्रम में निवासरत थीं, जो हाल ही में वित्तीय और निजी कारणों से बंद होने की कगार पर था।
बालिकाओं के पुनर्वास की प्रक्रिया तब जटिल हो गई जब कई बाल देखभाल संस्थानों ने उन्हें आश्रय देने से इनकार कर दिया, जबकि इनमें से अधिकांश संस्थान सरकार से विशेष रूप से ऐसे बच्चों की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं।
डीएम बंसल ने बताया, “एक के बाद एक कई संस्थाओं ने इन बच्चियों को स्वीकारने से इनकार कर दिया, जबकि वे स्वयं इस कार्य के लिए वित्त पोषित हैं। मजबूर होकर हमें प्रशासनिक स्तर पर हस्तक्षेप करना पड़ा।”
जिला प्रशासन की टीम द्वारा व्यापक खोज एवं समन्वय के बाद इन बालिकाओं को राफेल होम में स्थानांतरित किया गया, जहाँ अब उन्हें उचित पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और समग्र विकास का अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए डीएम बंसल ने स्पष्ट किया कि ऐसे संस्थानों के पंजीकरण के साथ जवाबदेही भी अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी, “सेवा की आड़ में बच्चों की उपेक्षा या शोषण किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
प्रशासन ने अब एक विशेष निगरानी टीम तैनात की है, जो सभी बाल देखभाल संस्थानों के कार्यों पर नजर रखेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों के अधिकार और हित सुरक्षित रहें। साथ ही सभी संबंधित संस्थानों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और बाल कल्याण नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके पंजीकरण रद्द किए जा सकते हैं।
डीएम बंसल ने कहा, “यह केवल औपचारिकता निभाने का मामला नहीं है। इन बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”