राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री धामी ने ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का किया शुभारंभ

“उत्तराखंड की पहचान वीरता और समर्पण से है” – मुख्यमंत्री

Haldwani: राज्य स्थापना की रजत जयंती समारोह के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज परिसर में आयोजित ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का शुभारंभ किया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, बहादुर महिलाओं और सैनिक परिवारों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित पूर्व सैनिकों पर पुष्पवर्षा कर उन्हें राज्य निर्माण और राष्ट्र सेवा में उनके अहम योगदान के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का लगभग हर परिवार गर्व से कह सकता है कि उनका कोई सदस्य मातृभूमि की सेवा में समर्पित है।
उन्होंने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड वास्तव में वीरों की धरती है, जहां देशभक्ति और बलिदान मिट्टी में रचा-बसा है।”
सैनिक कल्याण को लेकर मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री धामी ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं:
1. सैनिक कल्याण विभाग का पुनर्गठन
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विभाग को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए इसका पुनर्गठन एवं सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
2. जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों का नवीनीकरण
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हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी के जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों और आवासीय भवनों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
3. शहीद सैनिकों की पत्नियों को आवास सहायता बढ़ाई
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शहीद सैनिकों की पत्नियों को आवास निर्माण हेतु दी जाने वाली सहायता राशि
₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख की गई।
4. सैनिकों के बच्चों के लिए आधुनिक छात्रावास
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हल्द्वानी में सैनिक परिवारों के 150 बच्चों के लिए आधुनिक हॉस्टल बनाया जाएगा, जिसमें सुरक्षित आवास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा होगी।
“सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता” – मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक का पूरा जीवन अनुशासन, समर्पण और बलिदान का प्रेरक उदाहरण है।
उन्होंने कहा, “सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह जीवन भर सैनिक रहता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश में किसी भी प्रकार की राष्ट्रविरोधी सोच की कोई जगह नहीं है। स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि आज अधिकांश सैन्य उपकरण देश में ही बन रहे हैं और भारत आत्मनिर्भर बन रहा है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंधु मेघ में स्वदेशी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की सफलता का उल्लेख किया।
वीर नारियों का सम्मान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने:
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नैनीताल की 31 वीर नारियों
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ऊधमसिंहनगर की 13 वीर नारियों
को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
“वीर नारियों का सम्मान पूरे राज्य का गौरव है” – सैनिक कल्याण मंत्री
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस का यह अवसर प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिए गर्व और भावनाओं से भरा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की इस पवित्र भूमि ने देश को परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र विजेताओं सहित अनेक वीर सपूत दिए हैं।
उन्होंने बताया:
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उत्तराखंड का पंचम धाम—सैनिक धाम शीघ्र ही उद्घाटित होने वाला है।
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वीरता पदक विजेताओं के लिए फ्री बस यात्रा की सुविधा प्रदान की गई है।
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अब तक 22,000 से अधिक सैनिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
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हल्द्वानी में छात्रावास निर्माण के लिए 6.4 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है और सरकार सैनिकों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, राम सिंह कैड़ा, डॉ. मोहन बिष्ट, मेयर गजराज बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा डमरवाल, जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मंत्री नवीन वर्मा, सुरेश भट्ट, अनिल कपूर (डब्बू), शंकर कोरंगा, कुमाऊँ मंडल आयुक्त दीपक रावत, डीएम ललित मोहन राय, एसएसपी मंजुनाथ टीसी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, प्रतिनिधि और पूर्व सैनिक मौजूद रहे।





