सीएम धामी ने प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की।

मुख्य बिंदु:
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना की।
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कपाट बंद होने के अवसर पर किए गए विकास कार्यों का निरीक्षण।
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चारधाम यात्रा में इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन।
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2026 यात्रा के लिए अग्रिम रणनीति बनाने के निर्देश।
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उत्तराखंड को “आध्यात्मिक राजधानी” के रूप में विकसित करने का संकल्प।

केदारनाथ धाम, रुद्रप्रयाग: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कपाटबंद होने के मौके केदारनाथ धाम पहुंच, प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की है। मुख्यमंत्री ने धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया।
सनातन आस्था का प्रमुख केंद्र केदारनाथ मंदिर के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए विधि विधान के साथ बंद हो गए हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खास तौर पर केदारनाथ पहुंचे, उन्होंने केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना करते हुए, प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन हेतु पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सुनियोजित प्रयासों से इस बार की चार धाम यात्रा सफल और सुचारू रूप से संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा ना सिर्फ प्रदेश की आर्थिकी में अहम योगदान देती है, बल्कि देवभूमि उत्तराखंड को दुनिया भर में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों से भी जोड़ती है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केदारनाथ धाम क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मे नेतृत्व में उत्तराखंड के चार धामों के साथ ही मानसखंड से जुड़े मंदिरों में भी विभिन्न विकास कार्य पूरे किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2026 की यात्रा के लिए अभी से रणनीति तय की ली जाए, ताकि समय रहते यात्रा प्रबंध पूरे किए जा सकें, उन्होंने यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने में तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों, स्थानीय कारोबारियों और तीर्थ यात्रियों का विशेष आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि —
“हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करना है। बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।”





