Drugs Free Devbhoomi: राजधानी में नशा तस्करों के लिए नही कोई जगह – डीएम

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जिला प्रशासन ने की नशा मुक्त दून की महा पहल।

मुख्यमंत्री के ‘‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’’ विजन को साकार करने की शुरूआत।

नशा बेचने और दवा में मिलावट करने वालों पर तुरंत होगी सख्त कार्रवाई,

ऑन द स्पॉट दर्ज होगा मुकदमा।

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन “ड्रग्स फ्री देवभूमि” को साकार करने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने व्यापक रणनीति के साथ निर्णायक अभियान शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में गुरुवार को ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में नशे के अवैध कारोबार पर सख्त नियंत्रण, फार्मा पदार्थों में मिलावट की रोकथाम और युवाओं को नशे से बचाने के लिए कई ठोस निर्णय लिए गए।

संगठित रणनीति से नशे के खिलाफ निर्णायक अभियान

डीएम सविन बंसल ने स्पष्ट कहा कि राजधानी देहरादून में नशा तस्करों के लिए कोई जगह नहीं होगी। नशे के अवैध कारोबार में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर सख्त धाराओं में “ऑन द स्पॉट” मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने सभी विभागों को समन्वय बनाते हुए नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ सतत और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मेडिकल स्टोर्स और दवा फैक्ट्रियों पर सघन निगरानी

जिलाधिकारी ने दवा फैक्ट्रियों और मेडिकल स्टोर्स की नियमित जांच के निर्देश देते हुए कहा कि सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। औषधि विभाग को निर्देशित किया गया कि नशीले पदार्थों की आपूर्ति या दुरुपयोग के किसी भी संकेत पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

कॉलेजों में मास टेस्टिंग, 6 हजार ड्रग्स टेस्ट किट खरीदी गईं

जिला प्रशासन ने नशा मुक्त दून अभियान के तहत चिन्हित उच्च शिक्षण संस्थानों में बड़े पैमाने पर ड्रग्स टेस्टिंग शुरू करने की योजना बनाई है।
इसके लिए प्रशासन ने 6,000 टेस्ट किट्स खरीदी हैं। डीएम ने मौके पर ही स्वास्थ्य विभाग को फंड स्वीकृत करते हुए कॉलेजों, यूनिवर्सिटियों और सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों में टेस्टिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए।

एंटी ड्रग्स कमेटियों को मिला एसटीएफ से डायरेक्ट लिंक

स्कूलों और कॉलेजों में गठित एंटी ड्रग्स समितियों को अब सीधे एसटीएफ से जोड़ा जाएगा, ताकि नशे से जुड़ी गतिविधियों की त्वरित सूचना और कार्रवाई हो सके।
डीएम ने निर्देश दिया कि प्रत्येक माह एंटी ड्रग्स गतिविधियों की नियमित समीक्षा की जाए और अभियान में कोई ढिलाई न बरती जाए।

हेल्पलाइन और डेडिकेटेड सेल की शुरुआत

जनता से नशे के खिलाफ सहयोग के लिए जिला स्तर पर पब्लिक हेल्पलाइन नंबर और एक डेडिकेटेड सेल शुरू करने की कवायद भी जारी है।
नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार की सूचना देने के लिए मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 और एनसीवी मानस पोर्टल का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

नशा मुक्ति केंद्रों को सशक्त बनाने के निर्देश

डीएम बंसल ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि रायवाला ओल्ड एज होम को शीघ्र नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में संचालित किया जाए।
सभी नशा मुक्ति केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण करने और गतिविधियों की रिपोर्ट सीधे प्रशासन को देने के निर्देश भी दिए गए।

गांव-गांव तक पहुंचेगा जागरूकता अभियान

डीएम ने कहा कि नशे की डिमांड और सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए एएनटीएफ, एसटीएफ, पुलिस, एनसीबी और औषधि नियंत्रक विभाग मिलकर संयुक्त कार्रवाई करें।
उन्होंने आशा वर्कर्स, सहायिका और सेविकाओं के माध्यम से गांव-गांव में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।
साथ ही, स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर बैनर-पोस्टर के जरिए हेल्पलाइन नंबरों का प्रचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

सड़कों पर भी होगी रैंडम ड्रग्स टेस्टिंग

यातायात नियमों की जांच के दौरान अब ड्रग्स टेस्टिंग भी की जाएगी। डीएम ने कहा कि यह कदम सड़क सुरक्षा और नशामुक्त समाज, दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

बैठक में डीएफओ मयंक गर्ग, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, एसडीएम सदर हरिगिरी, एसडीएम स्मृता परमार, एसडीएम अपर्णा ढौंडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार शर्मा, जिला आबकारी अधिकारी वीरेन्द्र कुमार जोशी, समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, ड्रग्स इंस्पेक्टर विनोद जगूड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती, तहसीलदार कालसी सुशीला कोठियाल सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

देहरादून प्रशासन ने नशे के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करते हुए टेस्टिंग, मॉनिटरिंग, हेल्पलाइन, और सख्त प्रवर्तन के माध्यम से “ड्रग्स फ्री देवभूमि” के संकल्प को गति दे दी है। जिलाधिकारी ने कहा – “नशे के सौदागरों के लिए देहरादून में अब कोई जगह नहीं होगी।”